Sensex Meaning in Hindi ,Share Market में सेंसेक्स कैसे काम करता है , सेंसेक्स क्या होता है ? , शेयर मार्केट में Sensex कैसे बढ़ता है , Share Market Me Sensex Kyo jaruri hai – अगर आप भी शेयर मार्केट के बारे में सीख रहे हैं और इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको जानना है कि सेंसेक्स क्या होता है और यह कैसे काम करता है। शेयर मार्केट में निवेशक बनने के लिए आपको Sensex और निफ्टी के बारे में समझना पड़ेगा।
शेयर मार्केट को अच्छे से समझने के लिए आपको Sensex की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस आर्टिकल में हमने आपको Sensex से संबंधित सारी जानकारियां विस्तार से दी है। तो आइए जानते हैं कि सेंसेक्स क्या है ,कैसे काम करता है और इसमें आप कैसे ट्रेडिंग कर सकते हैं –
सेंसेक्स क्या है ( What is sensex in Hindi )
Sensex को हिंदी में शेयर मार्केट इंडेक्स कहते हैं। यह दो शब्दों से मिलकर बना है Sensitivity और Index । सेंसेक्स में इंडिया की टॉप 30 कंपनियां शामिल है।
सेंसेक्स को शेयर बाजार में बेंचमार्क इंडेक्स कहा जाता है जो पूरे शेयर मार्केट की खबर रखता है और उसके बारे में हालचाल बताता है। सेंसेक्स को देखकर सभी को पता लगता है कि आज स्टॉक मार्केट ऊपर जा रहा है या नीचे है मतलब शेयर बाजार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है या घटता हुआ।
सेंसेक्स से ही पता लगता है कि शेयर बाजार का अभी हाल कैसा है और कैसा चल रहा है। इंडियन शेयर मार्केट में केवल दो ही Index है सेंसेक्स और निफ्टी। Sensex की तरह Nifty भी शेयर बाजार का हालचाल बताता है।
यह भी पढ़े –Share Market क्या है | स्टॉक मार्केट से पैसा कैसे कमाए
सेंसेक्स की शुरुआत कब हुई ( when did the sensex start )
Sensex की शुरुआत 1 अप्रैल 1979 को हुई थी । उस समय इसकी वैल्यू केवल 100 रखी गयी थी । लेकिन आज के समय मे इसकी वैल्यू 65000 से ज़्यादा हैं ।
पहले जमाने में शेयर मार्केट ऑनलाइन नहीं थी इसलिए शेयर खरीदने और बेचने में बहुत दिक्कत आती थी क्योंकि उस समय शेयर खरीदने के लिए किसी दलाल के पास जाना पड़ता था जो कि ऑफलाइन सिस्टम होता था। शेयरों की नीलामी लगती थी और शेयर की ट्रेडिंग की जाती थी।
शेयर मार्केट की समस्या का समाधान करने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE की स्थापना हुई जो आज पूरे एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पहले इतना बड़ा नहीं था जैसे-जैसे इसमें स्टॉक में कंपनियां शामिल होने लगी वैसे ही इसकी संख्या बढ़ती गई।
इसी से पता चलता है कि पूरे शेयर मार्केट में क्या चल रहा है शेयर का भाव कैसे बढ़ रहा है और कैसे घट रहा है। इसमें कुल 30 कंपनियां ही शामिल है। आगे आप आर्टिकल में जानेंगे कि कौन सी 30 कंपनियां हैं जो सेंसेक्स में शामिल है।
यह भी पढ़े –Youtube क्या है | Youtube से पैसा कमाने के 18 बेस्ट तरीके
सेंसेक्स शेयर मार्केट की खबर कैसे रखता है ( How Sensex keeps stock market news )
शेयर बाजार में 7000 से भी अधिक कंपनियां स्टॉक में लिस्टेड है। सेंसेक्स में केवल इंडिया की टॉप 30 कंपनियों की परफॉर्मेंस दिखती है। इसी को देख कर हम मान लेते हैं कि शेयर बाजार का परफॉर्मेंस सही चल रहा है और बाकी कंपनियों का भूल जाते हैं।
कभी ना कभी आपके मन में भी यह सवाल जरूर आया होगा के शेयर बाजार की 7000 कंपनियों में से हम केवल 30 कंपनियों की परफॉर्मेंस क्यों देखते हैं। तो इस सवाल का जवाब है कि भारत के टॉप 30 कंपनियों का मार्केट कैप बाकी हजारों कंपनियों के मार्केट कैप के बराबर है क्योंकि इंडिया की सबसे ज्यादा लिक्विड कंपनियां है।
लिक्विड कंपनी का मतलब होता है जिसमें काफी ज्यादा मात्रा में शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इन कंपनियों के स्टॉक्स को आप आसानी से खरीद या बेच सकते हैं।
इंडिया में बहुत सारे छोटे छोटे स्टॉक है जिनको खरीदने या बेचने के लिए आर्डर लगाते हैं तो आपका आर्डर पेंडिंग में चला जाता है । इसलिए ऐसे पेनी स्टॉक्स को खरीदने से बचे और अच्छी कंपनी में ही पैसा invest करें।
यह भी पढ़े – Share Market में इनवेस्ट कैसे करें | शेयर कैसे खरीदे और बेचे
सेंसेक्स कैसे काम करता है ( how sensex works )
Sensex भारत की टॉप 30 कंपनियों की परफॉर्मेंस दिखाता है। आप इन्ही 30 कंपनियों को देखकर बता सकते हैं क्या शेयर बाजार कैसा है। अगर इंडिया की टॉप 30 कंपनियों के शेयर बढ़े हुए हैं तो Sensex का इंडेक्स भी ऊपर चला जाएगा और अगर इसी प्रकार कुछ कंपनियां अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही है तो सेंसेक्स भी नीचे गिर जाएगा।
सेंसेक्स के अंदर कितनी कंपनियां लिस्टेड हैं ( How many companies are listed in sensex )
Sensex में कुल 30 कंपनियां लिस्टेड हैं । शेयर बाजार के नए निवेशक यह जरूर सोचते हैं कि आखिर स्टॉक मार्केट में इतनी सारी कंपनियां होने के बावजूद सेंसेक्स में इंडेक्स के लिए केवल 30 कंपनियों के शेयर ही क्यों रखा गया है। सेंसेक्स के 30 शेयरों का मार्केट कैपिटलाइजेशन पूरे मार्केट का 55% हैं ।
इसी कारण से सेंसेक्स में केवल टॉप 30 कंपनियों को ही रखा गया है क्योंकि यही कंपनियां शेयर मार्केट को ऊपर ले जाती है और नीचे भी गिरा देती है। सेंसेक्स में जितने भी टॉप की कंपनियां शामिल है उन्हें की परफॉर्मेंस के आधार पर यह तय होता है कि शेयर बाजार का भाव घट रहा है या बढ़ रहा है।
सेंसेक्स की कंपनियों को चुनने के लिए इंडेक्स कमेटी का गठन किया गया है जो कि समय-समय पर यह देखती रहती है कि किस कंपनी का शेयर सेंसेक्स में डालना है और किस कंपनी के शेयर को बाहर निकालना है क्योंकि उसमें केवल 50 शेयर ही रख सकते हैं जिसका निर्णय सेंसेक्स की स्थापना के समय ही किया गया था।
अगर किसी कंपनी की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है तो उसे Sensex से बाहर निकाल दिया जाता है। और उसके जगह पर किसी दूसरी कंपनी का शेयर आ जाता है जिसका बिजनेस अच्छा परफॉर्म करता है। सेंसेक्स में शेयरों को डालना और निकालने का काम सेंसेक्स के इंडेक्स कमेटी के द्वारा होता है।
यह भी पढ़े –Chat GPT क्या है और यूज कैसे करें | Chat GPT से पैसे कैसे कमाए
सेंसेक्स का उदाहरण ( Example of sensex )
Sensex का उदाहरण इस प्रकार से समझते हैं कि अगर कल सेंसेक्स की वैल्यू 40000 पॉइंट थी और आज ग्लोबल मार्केट में कोई बुरी खबर आ गई तो उस खबर का असर शेयर मार्केट पर नेगेटिव दिखाई देगा इसलिए आज जब शेयर बाजार ओपन होगा तो बहुत चांसेस है कि Sensex की वैल्यू भी गिर जाएगी। Sensex गिरकर 40000 से 38000 हो जाये ।
इस प्रकार से अगर ग्लोबल मार्केट में अच्छी न्यूज़ आये तो सेंसेक्स 40000 से बढ़कर 42000 भी हो सकता है । TCS,HDFC,Infosys , Reliance , Hindustan Unilever टॉप 5 ऐसी सेंसेक्स की कम्पनियां हैं ।
सेंसेक्स से क्या पता लगता है ( what does sensex tell )
शेयर मार्केट में सेंसेक्स के माध्यम से पता चलता है कि शेयर का भाव बढ़ रहा है या घट रहा है। अगर सेंसेक्स इंडेक्स में कुछ प्रतिशत बढ़ा है तो इसका मतलब है कि शेयर मार्केट में खरीददार ( Buyers ) ज्यादा है यानी कि लोग शेयर बाजार में Bullish है मतलब निवेशक स्टॉक मार्केट को लेकर पॉजिटिव है।
वहीं दूसरी तरफ किसी दिन सेंसेक्स इंडेक्स कुछ प्रतिशत नीचे चला जाता है तो इसका मतलब होता है कि शेयर मार्केट में विक्रेता ( Sellers ) ज्यादा है यानी कि लोग शेयर बाजार में Bearish है मतलब कि निवेशक स्टॉक मार्केट को लेकर नेगेटिव है।
जब सेंसेक्स का इंडेक्स कुछ दिन तक लगातार ऊपर जाता रहता है तो इसका मतलब है कि बुल मार्केट चल रहा है और अगर सेंसेक्स का इंडेक्स कुछ दिनों तक लगातार नीचे जाता रहता है तो इसका मतलब है कि बियर मार्केट चल रहा है।
यह भी पढ़े –Blogging क्या है | ब्लॉग और वेबसाइट में क्या अंतर हैं
सेंसेक्स कम ज्यादा कैसे होता है ( How is sensex more or less )
शेयर बाजार में रोजाना सेंसेक्स की वैल्यू ऊपर नीचे होती रहती है लेकिन आप यह जानना चाहेंगे कि यह क्यों होता है। मतलब कि कौन से कारण होते हैं जो सेंसेक्स को उपर नीचे करते हैं। सेंसेक्स घटने और बढ़ने के निम्नलिखित कारण है –
सेंसेक्स कब बढ़ता है
- जब देश का बजट अच्छा आता है।
- शेयर मार्केट में Sellers की तुलना में Buyers ज्यादा होते हैं।
- निवेशक शेयर बाजार को लेकर पॉजिटिव होते हैं
- देश की इकॉनमी बढ़िया चल रही है।
- कंपनियां अच्छा परफॉर्म कर रही होती है।
- ग्लोबल मार्केट में से कोई अच्छी न्यूज़ आती है।
सेंसेक्स कब घटता हैं
- शेयर मार्केट में Buyers की तुलना में Sellers ज्यादा आ जाए।
- निवेशक शेयर बाजार को लेकर नेगेटिव हो।
- कंपनियां अगर अच्छा परफॉर्म ना कर रही हो कोई।
- देश की इकॉनमी अच्छी ना चल रही हो।
- ग्लोबल मार्केट से कोई नेगेटिव न्यूज़ आ जाए।
- जब देश का बजट आम जनता को ना पसंद आए तो
यह भी पढ़े – Blog Niche क्या है? Blog के लिए Niche कैसे सेलेक्ट करें
सेंसेक्स की गणना कैसे होती है ( How is sensex calculated )
BSE सेंसेक्स की गणना “फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वेटेड” ( Free float market capitalization weighted ) पद्धति का उपयोग करके की जाती है, जहाँ Index का level किसी विशेष Base Period के सापेक्ष index में सभी शेयरों की कुल Market value को दर्शाता है।
किसी शेयर के बाजार पूंजीकरण यानी Market capitalization की गणना उसके Current Price को उसके बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है।
उदाहरण के लिए– मान लीजिए कि सेंसेक्स में केवल दो स्टॉक हैं और आधार अवधि 1978-79 है जिसका base value 100 है। पहले स्टॉक का बाजार पूंजीकरण 100 करोड़ है और दूसरा स्टॉक 200 करोड़ है। दोनों शेयरों के बकाया शेयरों की संख्या समान है।
इस उदाहरण में, सेंसेक्स 100 के बराबर है, जिसका अर्थ है कि दोनों शेयरों का कुल बाजार मूल्य Base Period के सापेक्ष अपरिवर्तित रहा है। हालांकि, सेंसेक्स गणना में प्रत्येक स्टॉक का weightage उसके बाजार पूंजीकरण (market capitalization) पर निर्भर करेगा। इस उदाहरण में, पहले स्टॉक की तुलना में दूसरे स्टॉक का वेटेज अधिक है।
SENSEX = (Market capitalization of 1st stock / Base market capitalization) × Base index value
+ (Market capitalization of 2nd stock / Base market capitalization) × Base index value
+ …
+ (Market capitalization of 30th stock / Base market capitalization) × Base index value
यह भी पढ़े –Blog के लिए आर्टिकल कैसे लिखें | पहली बार Blog Post कैसे लिखें
सेंसेक्स में कौन से सेक्टर के शेयर शामिल है ( Which sector’s shares are included in the Sensex? )
Sensex index में इंडिया के 12 सेक्टर्स के 30 कंपनियों के Stocks को शामिल किया गया है। इन्हीं 12 सेक्टर की कंपनियां सेंसेक्स में रखी गई है। इन 12 sectors के नाम नीचे दिए गए हैं–
- Financial services (Banking Sector)
- Power
- Chemical
- Telecommunication
- Consumer durables
- Energy (Oil, Gas, Fuel)
- Internet Technology (IT Sector)
- Fast Moving Consumer Goods (FMCG Sector)
- Automobile
- Metals & Mining
- Healthcare
- Construction
सेंसेक्स में कौन सी कंपनी है ( which company is in sensex )
सेंसेक्स में Top 30 कम्पनियां शामिल है जो इस प्रकार हैं –
- Adani Enterprises
- Adani Total Gas
- JSW Steel
- M&M
- Reliance
- TCS
- HDFC Bank
- Infosys
- HUL
- ICICI Bank
- HDFC
- SBI
- ITC
- Asian Paints
- Sun Pharma
- Avenue Supermarket
- Wipro
- Titan Company
- Bajaj Finserv
- UltraTech Cement
- Nestle
- ONGC
- Bharti Airtel
- LIC India
- Bajaj Finance
- Kotak Mahindra
- HCL Tech
- Larsen
- Axis Bank
- Maruti Suzuki
यह भी पढ़े – Blog किस टॉपिक पर बनाये | हिंदी ब्लॉग Niche आईडिया 2023
सेंसेक्स में ट्रेडिंग कैसे करें ( How to trade in sensex )
अगर आपका भी है प्रश्न है कि सेंसेक्स में ट्रेडिंग कैसे करें ,सेंसेक्स में पैसा कैसे लगाएं, सेंसेक्स कैसे खरीदा जाता है या सेंसेक्स में निवेश कैसे करें तो आप यह जान लें कि सेंसेक्स में पैसा निवेश नहीं कर सकते लेकिन Nifty में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं जिसके लिए आप Nifty Bees ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड खरीद सकते हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है ( what is the difference between sensex and nifty )
सेंसेक्स और निफ्टी में अंतर है-
- Sensex में इंडिया की टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है जबकि Nifty में टॉप 50 कंपनियों को रखा गया है।
- निफ्टी NSE यानी National Stock Exchange का इंडेक्स है जबकि सेंसेक्स BSE यानी Bombay Stock Exchange का इंडेक्स है।
- NIFTY का Full Form यानी पूरा नाम National Stock Exchange Index है जबकि SENSEX का Full Form (पूरा नाम) Sensitivity Index है क्योंकि यह मार्केट के सेंटीमेंट को दर्शाता है।
यह भी पढ़े –Affiliate Marketing क्या है | एफिलिएट मार्केटिंग से ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए
FAQ Checklist
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है ?
1.Sensex में इंडिया की टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है जबकि Nifty में टॉप 50 कंपनियों को रखा गया है।
2.SENSEX का Full Form यानी पूरा नाम National Stock Exchange Index है जबकि NIFTY का Full Form (पूरा नाम) Sensitivity Index है क्योंकि यह मार्केट के सेंटीमेंट को दर्शाता है।
सेंसेक्स में कितनी कंपनी आती है?
Sensex में इंडिया की टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है।
सेंसेक्स में निवेश कैसे करें?
अगर आपका भी है प्रश्न है कि सेंसेक्स में ट्रेडिंग कैसे करें ,सेंसेक्स में पैसा कैसे लगाएं, सेंसेक्स कैसे खरीदा जाता है या सेंसेक्स में निवेश कैसे करें तो आप यह जान लें कि सेंसेक्स में पैसा निवेश नहीं कर सकते लेकिन Nifty में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं जिसके लिए आप Nifty Bees ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड खरीद सकते हैं।
सेंसेक्स में किस स्टॉक का वेटेज सबसे ज्यादा है?
सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज कंपनी के शेयर का वेटेज (10%) सबसे ज्यादा है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और हिंदुस्तान युनिलीवर आते हैं।
शेयर और सेंसेक्स में क्या अंतर होता है?
शेयर और सेंसेक्स में सबसे बड़ा अंतर यह है कि शेयर किसी कंपनी का हिस्सा होता है जबकि सेंसेक्स कई शेयरों से मिलकर बना हुआ इंडेक्स है। शेयर को आप ब्रोकर ऐप के जरिए सीधा खरीद सकते हैं जबकि सेंसेक्स को ऑप्शन ट्रेडिंग या ETF के जरिये खरीदा जा सकता है।
सेंसेक्स कौन चलाता है?
सेंसेक्स को शेयर बाजार के निवेशक चलाते हैं मतलब खरीदार और विक्रेता सेंसेक्स का भाव ऊपर नीचे करते रहते हैं। अगर आज मार्केट में खरीददार ज्यादा है सेंसेक्स कुछ अंक ऊपर चला जाता है और अगर मार्केट में विक्रेता ज्यादा है तो सेंसेक्स नीचे चला जाएगा।
सेंसेक्स में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?
रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और हिंदुस्तान युनिलीवर सेंसेक्स की सबसे अच्छी अच्छी कंपनी हैं।
सेंसेक्स में ट्रेडिंग कैसे करें ?
सेंसेक्स में पैसा निवेश ( ट्रेडिंग ) नहीं कर सकते लेकिन Nifty में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं जिसके लिए आप Nifty Bees ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड खरीद सकते हैं।
सेंसेक्स का हिंदी में क्या अर्थ है ?
सेंसेक्स का हिंदी में अर्थ है सेंसिटिव सूचकांक। मतलब सेंसेक्स शेयर मार्केट का एक Benchmark index है जो शेयर बाजार का हाल-चाल दर्शाता है।
सेंसेक्स की शुरुआत कब हुई ?
Sensex की शुरुआत 1 अप्रैल 1979 को हुई थी ।
और पढ़े –