Google Sandbox kya hota hain , Google Sandbox क्या है , Google Sandbox in Hindi , Google Sandbox Effects in Hindi , Google Sandbox की शुरुआत ,Google Sandbox Effect का कारण,Google Sandbox पर गूगल क्या कहता है,कैसे पता करें कि वेबसाइट Sandbox में है या नहीं।
जब भी कोई नया ब्लॉगर Blog या Website बनाता है तो उसकी वेबसाइट तुरंत Google में रैंक नहीं करती है,एक नए वेबसाइट को Google में रैंक करने में सामान्य रूप से 2 महीने से लेकर 1 साल या इससे भी ज्यादा का समय लग सकता है, यह Google Sandbox Effect के कारण होता है।
आज के इस इस आर्टिकल में मैं आपको Google Sandbox Kya Hai, कैसे पता करें कि आपकी वेबसाइट Sandbox में है या नहीं और Sandbox से बाहर कैसे निकलें की पूरी जानकारी देने वाली हूँ ,इस आर्टिकल को पढने के बाद आपके Google Sandbox से सम्बंधित सारे Doubt क्लियर होने वाले हैं।
गूगल सैंडबॉक्स क्या है आइये जानते हैं –
गूगल सैंडबॉक्स क्या है ? ( What is Google Sandbox in Hindi )
Google Sandbox एक ऐसी concept है जो बताती है कि जब कोई नई वेबसाइट बनाई जाती है, तो वह कुछ समय के लिए गूगल सर्च परिणामों में अच्छी रैंकिंग प्राप्त नहीं कर पाती है। यह एक तरह का Trial Period है जिसके दौरान गूगल यह निर्धारित करने की कोशिश करता है कि वेबसाइट कॉन्टेंट उपयोगकर्ताओं ( यूजर ) के लिए उपयोगी और प्रासंगिक है या नहीं।
Google Sandbox नए वेबसाइट के लिए होता हैं। जब भी कोई न्यू Website लांच होती है तो Google उस वेबसाइट को एकदम से रैंकिंग नहीं देता है, क्योंकि नए Website पर गूगल को Trust नहीं होता है इसलिए गूगल एक निश्चित Time Period के लिए Website को सर्च इंजन पर show नहीं करवाता है।
यह Time Period कुछ महीनों से लेकर 1 साल या इससे भी ज्यादा हो सकता है। नयी वेबसाइट का Google Search Engine पर तुरंत रैंक नहीं करना Google Sandbox Effect कहलाता है।
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गूगल सैंडबॉक्स की शुरुआत ( launch of google sandbox )
Google Sandbox के अस्तित्व को कभी भी गूगल द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन कई SEO विशेषज्ञों का मानना है कि Google Sandbox वास्तव में मौजूद है। सैंडबॉक्स में रहने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, लेकिन औसतन, यह लगभग 6 महीने तक चल सकता है।
Google Sandbox का Concept साल 2004 में सामने आया था, जब बहुत बड़े बड़े SEO एक्सपर्ट ने एक्सपीरियंस किया कि उनकी नयी वेबसाइट Google में एकदम से रैंक नहीं हो रही है।
SEO एक्सपर्ट ने अपने वेबसाइट पर Advance SEO भी कर के देख लिया पर वेबसाइट को गूगल में रैंक होने में कुछ समय लग रहा था।
तब Google Sandbox का Concept सामने आया। SEO एक्सपर्ट ने कहा कि गूगल नयी वेबसाइट पर तुरंत विश्वास नहीं करता है, Google कुछ समय के लिए वेबसाइट को Sandbox में डाल देता और वेबसाइट में होने वाली एक्टिविटी की जांच करता है फिर वेबसाइट को रैंक होने देता हैं।
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गूगल सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट के कारण ( Due to Google Sandbox Effect )
आज के समय में इंटरनेट पर कॉन्टेंट की कमी नहीं है, अरबों की संख्या में वेबसाइट ऑनलाइन मौजूद हैं और सभी वेबसाइट का डेटा Google के डेटाबेस में स्टोर रहता है।
Search Engine रिजल्ट पेज के पहले पेज पर गूगल केवल 10 वेबसाइट ही दिखा सकता है और जो वेबसाइट गूगल के पहले पेज में रैंक कर रही होती हैं वह Authority साईट होती हैं, उनके कॉन्टेंट की भी Authority रहती है और गूगल पुरानी वेबसाइट पर Trust भी करता है।
नयी Website लांच होती है तो उस वेबसाइट के पास न तो Authority होती है और न कि उसके कॉन्टेंट के पास, चाहे नयी Website कॉन्टेंट कितना भी Powerful क्यों न हो।
गूगल नयी Website पर तुरंत Trust नहीं करता है क्योंकि गूगल को पता नहीं है कि आगे चलकर इस वेबसाइट पर कैसा काम होगा या वेबसाइट चलेगा भी कि नहीं। इसलिए Google पुरानी वेबसाइट को ज्यादा Priority देता है और उनके कॉन्टेंट को ही रैंक करवाता है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि गूगल केवल पुरानी वेबसाइट पर ही ध्यान देता है। गूगल धीरे धीरे नए वेबसाइट को भी चांस देता है और उन्हें भी रैंक करवाता हैं। यूजर वेबसाइट की रैंकिंग के लिए बहुत जरुरी होते हैं।
वेबसाइट पर यूजर एक्टिविटी दिखाते हैं ,कॉन्टेंट को पसंद करते हैं ,तो गूगल नए वेबसाइट को भी रैंक करता हैं और यूजर एक्टिविटी अगर ना दिखे तो गूगल को लगता है कि कॉन्टेंट में दम नहीं हैं। इसलिए रैंकिंग में ऊपर निचे होती रहती हैं।
जब एक बार गूगल का आपके वेबसाइट के लिए विश्वास बन जाता है तब वेबसाइट के सरे कीवर्ड रैंक होने लगते हैं और वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार देखने को मिलता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो Google के द्वारा किसी भी वेबसाइट को Sandbox में डालने का सबसे बड़ा कारण वेबसाइट पर गूगल का Trust नहीं होना है। Sandbox से निकले के लिए गूगल का ट्रस्ट बनाना पड़ता है।
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गूगल सैंडबॉक्स पर गूगल क्या कहता है ( What does Google say on Google Sandbox )
अब आपने जान लिया है कि गूगल सैंडबॉक्स क्या हैं, अब जानते हैं कि आखिर गूगल सैंडबॉक्स पर गूगल क्या कहता है। Google Sandbox के बारे में खुद गूगल के क्या विचार हैं।
Google Sandbox के अस्तित्व को कभी भी गूगल द्वारा officially रूप से स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन कई SEO एक्सपर्ट का मानना है कि Google Sandbox वास्तव में मौजूद है। गूगल ने कभी भी आधिकारिक sandbox नाम के किसी अल्गोरिथम का जिक्र तक नहीं किया है। गूगल सैंडबॉक्स नाम SEO एक्सपर्ट ने काफी रिसर्च करने के बाद दिया है।
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वेबसाइट सैंडबॉक्स में है या नहीं कैसे पता करें ( How to know if a website is sandboxed or not )
Google Sandbox नाम का कोई अल्गोरिथम गूगल के पास है या नहीं इस बात की कभी भी गूगल द्वारा officially रूप से पुष्टि नहीं की गयी है। इसलिए Google के अलावा कोई भी Google Sandbox बारे में बेहतर जानकारी नहीं दे सकता है।
लेकिन SEO एक्सपर्ट की माने तो Website के sandbox में रहने के दौरान कुछ effect देखने को मिल सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं –
- नए वेबसाइट पर Organic Traffic बिल्कुल भी ना आना।
- सर्च इंजन में Low Competition Keyword का भी रैंक न करना।
- आर्टिकल के Title में मौजूद कीवर्ड को सर्च किये जाने के बाद भी आर्टिकल का गूगल पर रैंक ना करना।
- अच्छी तरह से SEO करने के बाद भी Website का रैंक नहीं करना।
- अचानक से किसी कीवर्ड पर high ट्रैफिक का आ जाना और कुछ समय बाद ट्रैफिक बिल्कुल भी न आना।
- आर्टिकल रोजाना पब्लिश करने के बाद भी ट्रैफिक का ना आना।
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गूगल सैंडबॉक्स से वेबसाइट को बाहर कैसे निकाले ( How to remove website from Google Sandbox )
यदि आपकी Website गूगल सैंडबॉक्स में है, तो घबराएं नहीं। बस अपनी Website पर High क्वालिटी वाले आर्टिकल पब्लिश करना जारी रखें और उपयोगकर्ताओं ( यूजर ) के लिए एक अच्छा एक्सपीरियंस प्रदान करें। Sandbox से बाहर निकलने के लिए, आप निम्नलिखित तरीको का यूज़ कर सकते हैं –
- वेबसाइट पर रेगुलर Quality Content पब्लिश करते रहे।
- आर्टिकल को कहीं से कॉपी/पेस्ट ना करें ,यूनिक आर्टिकल ही लिखें।
- रेगुलर आर्टिकल पब्लिश करें।
- वेबसाइट का On Page SEO को ठीक रखें।
- अपनी वेबसाइट को स्पैम और धोखाधड़ी से मुक्त रखें।
- अपनी वेबसाइट को उपयोगकर्ताओं के लिए एक अच्छा एक्सपीरियंस प्रदान करें।
- Off Page SEO भी जरुर करें जैसे कि बैकलिंक बनाना, सोशल मीडिया पर पोस्ट को शेयर करना।
- वेबसाइट पर Low Competition Keyword का इस्तेमाल करें।
- Google EAT Concept के रूल फॉलो करें।
- नए ब्लॉग और वेबसाइट पर सबसे जरुरी बात होती है धैर्य बनायें रखना।
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FAQs Google Sandbox in Hindi
गूगल सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट क्या होता है?
किसी नए वेबसाइट पर निश्चित समय अंतराल के लिए आर्गेनिक ट्रैफिक नहीं आना या बिल्कुल कम आना गूगल सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट होता हैं। नयी वेबसाइट का Google Search Engine पर तुरंत रैंक नहीं करना Google Sandbox Effect कहलाता है।
गूगल सैंडबॉक्स में वेबसाइट कितने समय रहती है?
यह Time Period कुछ महीनों से लेकर 1 साल या इससे भी ज्यादा हो सकता है। इसका कोई निश्चित समय – अंतराल नहीं है, कोई वेबसाइट 3 महीनों में ही सैंडबॉक्स से बाहर निकल जाती है
क्या बिंग,याहू जैसे अन्य सर्च इंजन के पास भी सैंडबॉक्स अल्गोरिथम है?
जी हाँ, बिंग और याहू जैसे सर्च इंजन में भी सैंडबॉक्स जैसे अल्गोरिथम होते हैं,लेकिन इनका अल्गोरिथम गूगल के जितना powerful नहीं है।
गूगल सैंडबॉक्स की शुरुआत कब हुई ?
Google Sandbox का Concept साल 2004 में सामने आया था, जब बहुत बड़े बड़े SEO एक्सपर्ट ने एक्सपीरियंस किया कि उनकी नयी वेबसाइट Google में एकदम से रैंक नहीं हो रही है।
गूगल सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट के क्या कारण हैं ?
नयी Website लांच होती है तो उस वेबसाइट के पास न तो Authority होती है और न कि उसके कॉन्टेंट के पास, चाहे नयी Website कॉन्टेंट कितना भी Powerful क्यों न हो।
गूगल नयी Website पर तुरंत Trust नहीं करता है
गूगल सैंडबॉक्स पर गूगल का क्या कहना हैं ?
गूगल ने कभी भी आधिकारिक sandbox नाम के किसी अल्गोरिथम का जिक्र तक नहीं किया है। गूगल सैंडबॉक्स नाम SEO एक्सपर्ट ने काफी रिसर्च करने के बाद दिया है।
वेबसाइट गूगल सैंडबॉक्स में है या नहीं कैसे पता करें ?
लेकिन SEO एक्सपर्ट की माने तो Website के sandbox में रहने के दौरान कुछ effect देखने को मिल सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं –
1.नए वेबसाइट पर Organic Traffic बिल्कुल भी ना आना।
2.सर्च इंजन में Low Competition Keyword का भी रैंक न करना।
गूगल सैंडबॉक्स से वेबसाइट को बाहर कैसे निकाले ?
Sandbox से बाहर निकलने के लिए, आप निम्नलिखित तरीको का यूज़ कर सकते हैं –
1.वेबसाइट पर रेगुलर Quality Content पब्लिश करते रहे।
2.आर्टिकल को कहीं से कॉपी/पेस्ट ना करें ,यूनिक आर्टिकल ही लिखें।
3.रेगुलर आर्टिकल पब्लिश करें।
4.वेबसाइट का On Page SEO को ठीक रखें।
5.Off Page SEO भी जरुर करें
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