Nifty क्या है | निफ्टी में इन्वेस्ट (ट्रेडिंग) कैसे करें

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जब भी शेयर बाजार का नाम आता है आपने निफ्टी का नाम तो जरूर सुना होगा। और आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर निफ्टी होता क्या है, निफ़्टी कब घटता है, कब बढ़ता है , निफ़्टी गिरने से किसी के पैसे का नुकसान हो गया ,निफ्टी कुछ अंक चढ़ने से किस निवेशक का फायदा हो गया इत्यादि ।

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शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने से पहले आपको Nifty के बारे में जरूर जानना चाहिए। निफ्टी से शेयर बाजार के बारे में क्या पता लगता है, निफ़्टी कब घटती और कब बढ़ती है, इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे और आप Nifty को पूरी तरह से समझ जाएंगे।

Table of Contents

निफ़्टी क्या है ( What is Nifty in Hindi )

Nifty का मतलब है स्टॉक मार्केट इंडेक्स। Nifty ब्द National stock exchange के नेशनल और फिफ्टी से मिलकर बना हुआ है। NSE के National और Fifty यानी ’50’ से मिलकर Nifty बनता है. Fifty इसीलिए क्योंकि Nifty Index में इंडिया की टॉप 50 कंपनियां शामिल होती हैं।

निफ़्टी शेयर बाजार का एक बेंचमार्क इंडेक्स है जोकि शेयर मार्केट के बारे में बताता है । निफ्टी को देखकर आप यह जान सकते हैं कि आज स्टॉक मार्केट ऊपर है या नीचे है मतलब स्टॉक मार्केट कब घटता है कब बढ़ता है।

भारतीय शेयर मार्केट में दो इंडेक्स है- सेंसेक्स और निफ्टी । सेंसेक्स भी निफ्टी के तरह शेयर बाजार के बारे में हालचाल बताता है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है जबकि सेंसेक्स में 30 कंपनियां होती है।

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निफ़्टी की शुरुआत कब हुई ( When did the Nifty start )

1 अप्रैल 1997 को निफ्टी 50 की स्थापना हुई । उस टाइम इसकी वैल्यू 1000 रखी गई थी पर आज बढ़कर निफ़्टी की वैल्यू 17000 से भी ज्यादा हो गयी हैं । पहले शेयर ऑनलाइन खरीदा और बेचा नहीं जाता था बल्कि ब्रोकर के माध्यम से शेयर फिजिकली खरीदे और बेचा जाता था।

ऑनलाइन सिस्टम मौजूद नहीं था इस वजह से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने में दिक्कत आती थी। निफ्टी से पहले सेंसेक्स से ही शेयर बाजार के हाल-चाल के बारे में पता लगता था। परंतु धीरे-धीरे निफ्टी और सेंसेक्स दोनों शेयर मार्केट का हाल बताने लगे।

निफ़्टी शेयर मार्केट की खबर कैसे रखता है ( How Nifty keeps stock market news )

शेयर बाजार में 7000 से भी अधिक कंपनियां स्टॉक में लिस्टेड है। निफ़्टी में केवल इंडिया की टॉप 50 कंपनियों की परफॉर्मेंस दिखती है। इसी को देख कर हम मान लेते हैं कि शेयर बाजार का परफॉर्मेंस सही चल रहा है और बाकी कंपनियों का भूल जाते हैं।

कभी ना कभी आपके मन में भी यह सवाल जरूर आया होगा के शेयर बाजार की 7000 कंपनियों में से हम केवल 50 कंपनियों की परफॉर्मेंस क्यों देखते हैं। तो इस सवाल का जवाब है कि भारत के टॉप 50 कंपनियों का मार्केट कैप बाकी हजारों कंपनियों के मार्केट कैप के बराबर है क्योंकि इंडिया की सबसे ज्यादा लिक्विड कंपनियां है।

लिक्विड कंपनी का मतलब होता है जिसमें काफी ज्यादा मात्रा में शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इन कंपनियों के स्टॉक्स को आप आसानी से खरीद या बेच सकते हैं।

इंडिया में बहुत सारे छोटे छोटे स्टॉक है जिनको खरीदने या बेचने के लिए आर्डर लगाते हैं तो आपका आर्डर पेंडिंग में चला जाता है । इसलिए ऐसे पेनी स्टॉक्स को खरीदने से बचे और अच्छी कंपनी में ही पैसा invest करें।

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निफ़्टी कैसे काम करता है ( How Nifty works )

निफ्टी में भारत की टॉप 50 कंपनिया शामिल है। इन 50 कंपनियों को देखकर बता सकते हैं कि शेयर बाजार आज ऊपर है या नीचे। अगर इन 50 कंपनियों में से अधिकतर कंपनियों के शेयर ऊपर है तो निफ्टी इंडेक्स भी ऊपर चला जाएगा मतलब कुछ पॉइंट बढ़ जाता है। और अगर कुछ कंपनियों के शेयर कम है तो निफ्टी का पॉइंट नीचे आ जाएगा।

निफ़्टी के अंदर कितनी कंपनियां लिस्टेड हैं ( How many companies are listed in Nifty )

निफ्टी में केवल Top 50 कंपनियां ही रखी गई हैं क्योंकि यही कंपनियां मार्केट को ऊपर ले जाती है और नीचे भी गिरा देती हैं। पूरे शेयर बाजार में NSE और BSE कुल मिलाकर 7000 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं जिनमें से अकेले NIFTY 50 के 50 शेयरों का Market Capitalization पूरे बाजार के 60% से भी है।

निफ्टी में 50 कंपनियों को चुनने के लिए एक इंडेक्स कमेटी का गठन किया गया है जो कि समय-समय पर यह देखती रहती है कि किस कंपनी का शेयर nifty 50 में डालना है और किस कंपनी के शेयर को बाहर निकालना है क्योंकि उसमें केवल 50 शेयर ही रख सकते हैं जिसका निर्णय निफ़्टी की स्थापना के समय किया गया था।

परंतु कौन से शेयर को रखना है और कौन से शेयर को बाहर निकालना है यह चुनना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इसके लिए काफी फैक्टर्स देखे जाते हैं और इन सभी का फैसला इंडेक्स कमेटी ही करती है । निफ़्टी 50 में उसी कंपनियों को रखा जाता है जिनकी परफॉर्मेंस अच्छी होती है और अगर उनकी परफॉर्मेंस कम हो जाए तो उनको निफ्टी से बाहर कर दिया जाता है।

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निफ़्टी का उदाहरण ( Example of Nifty )

Nifty का उदाहरण इस प्रकार से समझते हैं कि अगर कल Nifty की वैल्यू 40000 पॉइंट थी और आज ग्लोबल मार्केट में कोई बुरी खबर आ गई तो उस खबर का असर शेयर मार्केट पर नेगेटिव दिखाई देगा इसलिए आज जब शेयर बाजार ओपन होगा तो बहुत चांसेस है कि Nifty की वैल्यू भी गिर जाएगी। Nifty गिरकर 40000 से 38000 हो जाये ।

इस प्रकार से अगर ग्लोबल मार्केट में अच्छी न्यूज़ आये तो Nifty 40000 से बढ़कर 42000 भी हो सकता है । TCS, HDFC, Infosys , Reliance , Hindustan Unilever टॉप 5 ऐसी Nifty की कम्पनियां हैं ।

निफ़्टी से क्या पता लगता है ( What does Nifty tell )

शेयर मार्केट में निफ़्टी के माध्यम से पता चलता है कि शेयर का भाव बढ़ रहा है या घट रहा है। अगर निफ़्टी इंडेक्स में कुछ प्रतिशत बढ़ा है तो इसका मतलब है कि शेयर मार्केट में खरीददार ( Buyers ) ज्यादा है यानी कि लोग शेयर बाजार में Bullish है मतलब निवेशक स्टॉक मार्केट को लेकर पॉजिटिव है।

वहीं दूसरी तरफ किसी दिन निफ़्टी इंडेक्स कुछ प्रतिशत नीचे चला जाता है तो इसका मतलब होता है कि शेयर मार्केट में विक्रेता ( Sellers ) ज्यादा है यानी कि लोग शेयर बाजार में Bearish है मतलब कि निवेशक स्टॉक मार्केट को लेकर नेगेटिव है।

जब निफ़्टी का इंडेक्स कुछ दिन तक लगातार ऊपर जाता रहता है तो इसका मतलब है कि बुल मार्केट चल रहा है और अगर निफ़्टी का इंडेक्स कुछ दिनों तक लगातार नीचे जाता रहता है तो इसका मतलब है कि बियर मार्केट चल रहा है।

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निफ़्टी घटता-बढ़ता कैसे है ( How is Nifty more or less )

शेयर बाजार में रोजाना Nifty की वैल्यू ऊपर नीचे होती रहती है लेकिन आप यह जानना चाहेंगे कि यह क्यों होता है। मतलब कि कौन से कारण होते हैं जो Nifty को उपर नीचे करते हैं। Nifty घटने और बढ़ने के निम्नलिखित कारण है –

निफ्टी कब बढ़ता है?

  • जब देश का बजट अच्छा आता है।
  • शेयर मार्केट में Sellers की तुलना में Buyers ज्यादा होते हैं।
  • निवेशक शेयर बाजार को लेकर पॉजिटिव होते हैं
  • देश की इकॉनमी बढ़िया चल रही है।
  • कंपनियां अच्छा परफॉर्म कर रही होती है।
  • ग्लोबल मार्केट में से कोई अच्छी न्यूज़ आती है।

निफ्टी कब घटता हैं ?

  • शेयर मार्केट में Buyers की तुलना में Sellers ज्यादा आ जाए।
  • निवेशक शेयर बाजार को लेकर नेगेटिव हो।
  • कंपनियां अगर अच्छा परफॉर्म ना कर रही हो कोई।
  • देश की इकॉनमी अच्छी ना चल रही हो।
  • ग्लोबल मार्केट से कोई नेगेटिव न्यूज़ आ जाए।
  • जब देश का बजट आम जनता को ना पसंद आए तो

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निफ़्टी में कौन से सेक्टर के शेयर शामिल है ( Which sector’s shares are included in the Nifty )

निफ़्टी index में इंडिया के 14 सेक्टर्स के 50 कंपनियों के Stocks को शामिल किया गया है। इन्हीं 14 सेक्टर की कंपनियां निफ़्टी में रखी गई है। इन 14 sectors के नाम नीचे दिए गए हैं–

  • Financial services (Banking Sector)
  • Power
  • Chemical
  • Telecommunication
  • Consumer durables
  • Energy (Oil, Gas, Fuel)
  • Internet Technology (IT Sector)
  • Fast Moving Consumer Goods (FMCG Sector)
  • Automobile
  • Metals & Mining
  • Healthcare
  • Construction
  • Services
  • Construction materials

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निफ़्टी में कौन सी कंपनी है ( which company is in Nifty )

Nifty 50 में बैंकिंग सेक्टर का वेटेज 36% सबसे ज्यादा है उसके बाद इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी यानी IT सेक्टर 14.70% फिर Energy सेक्टर 12.7% और FMCG sector का वेटेज (weightage) Nifty 50 में 9% है। Nifty  मिलकर अन्य कई सूचकांक बनते हैं जैसे–

  • Nifty IT
  • Nifty Bank
  • Nifty FMCG
  • Nifty Auto
  • Nifty Pharma
  • Nifty Oil & Gas
  • Nifty Realty index

निफ़्टी index में इंडिया के 14 सेक्टर्स के 50 कंपनियों के Stocks को शामिल किया गया है। निफ़्टी के 50 कंपनियों नाम इस प्रकार –

  1. ADANI ENTERPRISES
  2. ADANI PORTS & SEZ
  3. APOLLO HOSPITALS
  4. ASIAN PAINTS
  5. AXIS BANK
  6. BAJAJ AUTO
  7. BAJAJ FINANCE
  8. BAJAJ FINSERVE
  9. BHARTI AIRTEL
  10. BPCL
  11. CIPLA
  12. COAL INDIA
  13. DIVIS LABORATORIES
  14. DR.REDDY LAB
  15. EICHER MOTORS
  16. GRASIM
  17. HCL TECHNOLOGIES
  18. HDFC BANK
  19. HDFC LIFE INSURANCE
  20. HERO MOTOCORP
  21. HINDALCO
  22. ITC
  23. IOC
  24. INFOSYS
  25. INDUSIND BANK
  26. ICICI BANK
  27. HUL
  28. JSW STEEL
  29. WIPRO
  30. UPL
  31. ULTRATECH CEMENT
  32. TITAN
  33. TECH MAHINDRA
  34. TCS
  35. KOTAK MAHINDRA BANK
  36. L&T
  37. M&M
  38. MARUTI SUZUKI
  39. NESTLE
  40. NTPC
  41. TATA STEEL
  42. TATA MOTORS
  43. TATA CONSUMER
  44. SUN PHARMA
  45. SBI LIFE INSURANCE
  46. SBI
  47. RELIANCE IND.
  48. POWER GRID
  49. ONGC
  50. NTPC

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निफ़्टी में ट्रेडिंग कैसे करें ( How to trade in Nifty )

निफ़्टी में ट्रेडिंग कैसे करें – निफ्टी में पैसा इन्वेस्ट करने या ट्रेडिंग करने के लिए आपको अपनी ब्रोकर ऐप में जाकर फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट को एक्टिवेट करना होगा। क्योंकि निफ्टी में आप शेयर की तरह पैसा नहीं लगा सकते मतलब निफ्टी कोई शेयर नहीं है बल्कि यह एक इंडेक्स है जिसमें आप केवल तभी पैसा लगा सकते हैं जब आप फ्यूचर ट्रेडिंग या ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं।

NIFTY में आप एक शेयर नहीं खरीद सकते बल्कि इसमें आपको लोट साइज (Lot size) के हिसाब से शेयर खरीदना पड़ता है। NIFTY का लॉट साइज 75 है और आपको कम से कम 1 लॉट खरीदना पड़ता है

अगर आपने निफ्टी का कॉल Option खरीदा है तो आपको फायदा केवल तभी होगा जब nifty इंडेक्स ऊपर जाएगा। लेकिन अगर आपने Put ऑप्शन खरीदा तो आपको nifty गिरने पर फायदा होगा।

अगर आप Option Trading करना नहीं जानते तो Nifty 50 में निवेश करने का सबसे सरल तरीका है Nifty Bees ETF खरीदना।

ETF का मतलब होता है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। यह म्यूच्यूअल फंड की तरह होते हैं जिन्हें डायरेक्ट शेयर की तरह खरीद सकते हैं। आप चाहे तो अपनी ब्रोकर ऐप में जाकर Nifty BEES सर्च करके ETF खरीद सकते हैं इससे आपका पैसा निफ्टी इंडेक्स में लग जाएगा और आप निफ्टी की ग्रोथ में शामिल हो जाएंगे।

निफ्टी और सेंसेक्स में क्या अंतर है ( what is the difference between sensex and nifty )

निफ्टी और सेंसेक्स में अंतर है-

  • Sensex में इंडिया की टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है जबकि Nifty में टॉप 50 कंपनियों को रखा गया है।
  • निफ्टी NSE यानी National Stock Exchange का इंडेक्स है जबकि सेंसेक्स BSE यानी Bombay Stock Exchange का इंडेक्स है।
  • NIFTY का Full Form यानी पूरा नाम National Stock Exchange Index है जबकि SENSEX का Full Form (पूरा नाम) Sensitivity Index है क्योंकि यह मार्केट के सेंटीमेंट को दर्शाता है।

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FAQ Checklist

निफ्टी का क्या अर्थ है?

निफ्टी का हिंदी में अर्थ है ( NSE ) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक। मतलब निफ्टी 50 शेयर मार्केट का एक Benchmark index है जो शेयर बाजार का हाल-चाल दर्शाता है।

निफ्टी में कितनी कंपनी आती है?

NSE -50 यानी निफ्टी में इंडिया की टॉप 50 कंपनी आती है। देश की 50 सबसे बड़ी कंपनियों से मिलकर nifty50 index बनता है

निफ्टी में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), रिलायंस इंडस्ट्रीज,एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और हिंदुस्तान युनिलीवर निफ्टी 50 की सबसे अच्छी अच्छी कंपनी हैं। यह सभी बड़ी लार्ज कैप कंपनियां हैं जो ब्लू चिप स्टॉक्स की कैटेगरी में आती है।

बैंक निफ्टी में कितने बैंक लिस्टेड हैं?

बैंक निफ्टी में 12 बैंक लिस्टेड हैं जिनमें HDFC बैंक का वेटेज सबसे ज्यादा है। इसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक ICICI बैंक, SBI और Axis Bank आदि आते हैं।

शेयर और निफ्टी में क्या अंतर है?

शेयर और निफ्टी में सबसे बड़ा अंतर यह है कि शेयर किसी कंपनी का हिस्सा होता है जबकि निफ्टी कई शेयरों से मिलकर बना हुआ इंडेक्स है। 

निफ्टी 50 में निवेश करना कितना सुरक्षित है?

निफ्टी 50 में पैसा निवेश करना बिल्कुल सुरक्षित है क्योंकि आप निफ्टी में इन्वेस्ट करके इंडिया की इकोनॉमी में पैसा लगाते हैं। मतलब हमारे देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ होने से nifty की भी ग्रोथ होती है 

निफ्टी को कौन चलाता है?

निफ्टी को शेयर बाजार के निवेशक चलाते हैं मतलब खरीदार और विक्रेता निफ्टी का भाव ऊपर नीचे करते रहते हैं। अगर आज मार्केट में खरीददार ज्यादा है निफ्टी कुछ अंक ऊपर चला जाता है और अगर मार्केट में विक्रेता ज्यादा है तो निफ्टी नीचे चला जाएगा।

निफ्टी कैसे खरीदे?

ईटीएफ या ऑप्शन ट्रेडिंग करके निफ्टी खरीद सकते हैं।

निफ्टी 50 की स्थापना कब हुई?

1 अप्रैल 1997 को निफ्टी 50 की स्थापना हुई।

निफ्टी और सेंसेक्स में क्या अंतर है ?

निफ्टी NSE यानी National Stock Exchange का इंडेक्स है जबकि सेंसेक्स BSE यानी Bombay Stock Exchange का इंडेक्स है।
NIFTY का Full Form यानी पूरा नाम National Stock Exchange Index है जबकि SENSEX का Full Form (पूरा नाम) Sensitivity Index है क्योंकि यह मार्केट के सेंटीमेंट को दर्शाता है।

निफ्टी का कॉल और पुट ऑप्शन क्या है ?

निफ्टी का कॉल Option खरीदा है तो आपको फायदा केवल तभी होगा जब nifty इंडेक्स ऊपर जाएगा। लेकिन अगर आपने Put ऑप्शन खरीदा तो आपको nifty गिरने पर फायदा होगा।

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