Option Trading in Share Market, ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है ?, Option Trading कैसे करें , ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है , ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें , ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम क्या है , Option Trading Basics in Hindi – ऑप्शन ट्रेडिंग ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा शेयर मार्केट में लाखों रुपए कमा सकते हैं। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको उसे सीखना पड़ेगा और इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी पड़ेगी ।
अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं और आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में आपको पता होना चाहिए। आज के इस आर्टिकल में आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से संबंधित पूरी जानकारी मिल जाएगी। तो चलिए जानते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करता है, इससे कैसे पैसे कमा सकते हैं-
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है ? ( What is option trading in Hindi )
Option Trading Kya hain – Option Trading को हिंदी में ‘ विकल्प ‘ कहते हैं । ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जो खरीदार और विक्रेता को कुछ प्रीमियम राशि देकर एक निश्चित समय पर किसी स्ट्राइक प्राइस पर सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने का अधिकार देती है। ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल और पुट ऑप्शंस को खरीदा और बेचा यानी Treding किया जाता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग का मतलब होता है कि आप पहले ही कुछ तय राशि देकर फ्यूचर के लिए शेयर खरीद या बेच सकते हैं। इसी राशि को ऑप्शन प्रीमियम कहते हैं। ज्यादातर लोग निफ़्टी और बैंक निफ़्टी में ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं क्योंकि उनमें प्रीमियम कम देना पड़ता है लेकिन आप चाहे तो किसी भी शेयर में ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं।
फ्यूचर में शेयर का दाम बढ़ने या घटने वाला है तो आप Option Trading के द्वारा केवल एक छोटा सा अमाउंट देकर उस Share को पहले ही खरीद या बेच सकते हैं। इसका मतलब होता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको शेयर खरीदने या बेचने के लिए पूरा पैसा नहीं देना पड़ता बल्कि एक छोटा सा अमाउंट देकर फ्यूचर के लिए Buy ओर Sell कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं कि अडानी कंपनी का शेयर अभी ₹3000 है और कंपनी में अच्छी खबर आने की वजह से आपको लगता है कि जल्दी ही शेयर का प्राइस 3000 से बढ़कर 3100 तक जा सकता है।
परंतु आपके पास अभी सिर्फ ₹6000 है जिससे आप केवल दो ही शेयर खरीद पाएंगे। अगर कुछ समय के बाद शेयर का प्राइस 3100 हो जाता है तो आपको सिर्फ इसमें ₹200 का ही प्रॉफिट होगा। मतलब कि जो आपने 2 शेयर 6000 में खरीदे थे वह आप 2 शेयर 6200 रुपए में सेल करेंगे।
लेकिन आप इसी शेयर को ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए से खरीदते तो आपको इस से 2 गुना प्रॉफिट हो जाता। अगर आपको लगता है कि अडानी कंपनी का शेयर प्राइस ₹3000 से बढ़कर ₹3100 तक जाने वाला है। और आपके पास पैसा कम है तो आप डायरेक्ट अडानी कंपनी का शेयर ना खरीद कर उसका कॉल ऑप्शन खरीद लेते हैं जिसके लिए आपको कुछ प्रीमियम देना पड़ता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रीमियम का प्राइस बहुत कम होता है जिससे आप की वेबसाइट पर जाकर अडानी कंपनी सर्च करके ऑप्शन चैन डाटा में देख सकते हैं। जब शेयर का प्राइस 3000 से बढ़कर 3100 हो जाता है तब ₹100 बढ़ जाता है तो उसका प्रीमियम शेयर जितना बढ़ा था उसका 0.5 गुना बढ़ता है मतलब आपका प्रीमियम ₹50 बढ़ेगा।
लेकिन अगर वहीं पर अडानी का शेयर प्राइस बढ़ने की बजाय घट जाए तो आपको ऑप्शन ट्रेंडिंग में उतना ही ज्यादा नुकसान होगा । कहने का मतलब है कि अगर आप 50% प्रॉफिट Option Trading से कमा रहे हो तो नुकसान होने पर उतना ही बड़ा नुकसान आपको झेलना पड़ेगा।
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ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल-पुट क्या है ? ( What is call-put in option trading )
ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल और पुट किसी भी सिक्योरिटी जैसे कि निफ़्टी, बैंक निफ़्टी, स्टॉक्स को खरीदने और बेचने के लिए दो जरूरी ऑप्शंस होते हैं। अगर आपको लगता है कि शेयर मार्केट ऊपर जाएगा तो कॉल ऑप्शन खरीदना चाहिए और अगर आपको लगता है कि मार्केट नीचे जाएगा तो पुट ऑप्शन खरीदना चाहिए।
कॉल ऑप्शन खरीदने पर आपको प्रॉफिट होगा अगर शेयर का प्राइस ऊपर जाएगा और पुट ऑप्शन सेलेक्ट करने पर जब शेयर का प्राइस नीचे आएगा तब आपको इससे फायदा होगा।
कॉल ऑप्शन को CE यानी कि Call European सिंबल से दर्शाते हैं और पुट ऑप्शन को PE यानी Put European सिंबल से दर्शाते हैं । अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो आपको स्टार्टिंग में निफ़्टी या बैंक निफ़्टी इंडेक्स में ही ऑप्शन ट्रेडिंग Buying और Selling करनी चाहिए।
अधिकतर लोग सिर्फ Option Buying करते हैं जबकि कुछ प्रतिशत लोग Option Selling करते हैं । क्योंकि ऑप्शन buying में आप बहुत कम पैसों से स्टार्ट कर सकते हैं जबकि ऑप्शन Selling में आपको शुरुआत करने के लिए अधिक पैसा चाहिए ।
ऑप्शन Buying की शुरुआत आप सिर्फ 100 से कर सकते हैं । आपको यह बता दे कि ऑप्शन Selling में आपके जितने के चांस 70% होती है जबकि ऑप्शन Buyer में सिर्फ 30% होता है। फिर भी ज्यादातर लोग ऑप्शन Buyer है ना कि ऑप्शन Seller ।
ऑप्शन Seller में आपको बिग कैपिटल यानी बड़ी पूंजी के साथ शेयर करना होता है इसलिए आप इसमें ज्यादा पैसा कमाते हैं जबकि ऑप्शन Buyer में एक छोटे अमाउंट के साथ आप ट्रेडिंग कर सकते हैं और इसी कारण से अधिकतर लोग ऑप्शन Trading में नुकसान है करते हैं।
Option Trading में पैसा लगाने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि ऑप्शन ट्रेडिंग में आप पैसा तभी कमा सकते हैं जब आपका सही ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी अपना कर ट्रेड करते हैं । ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए आपको लगातार प्रैक्टिस करनी पड़ती है, इसकी Basics को सीखना पड़ता है, और स्टॉक मार्केट पर गहरी रिसर्च करने चाहिए जिससे कि आपको ट्रेडिंग की स्ट्रैटेजी बनाने में आसानी हो।
ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको इसे अच्छे से सीखना पड़ेगा। क्योंकि इसमें बहुत सारी ऐसी नई चीजें होती है जो कि नए निवेशक के लिए जानना आवश्यक होता है। ऑप्शन ट्रेडिंग थीटा, वेगा , गामा डेल्टा जैसी चीजें भी सीखना पड़ेगा जो कि आपने अपनी मैथमेटिक्स की क्लास में स्कूल टाइम पढ़ी हुई हैं ।
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ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती हैं ? (How does option trading work )
Option Trading ऑप्शन Buyer और Sellers के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट जैसा काम करती है जो कि किसी निश्चित एक्सपायरी डेट का होता है। अगर आप कोई ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदते हैं तो यह आपको किसी निश्चित समय पर या उसके अंदर Underlying Asset खरीदने का अधिकार देता है।
परंतु आप उस निश्चित समय से पहले या उसी तारीख पर Underlying Asset खरीदने के लिए बाध्य नहीं है बल्कि शर्त यह होती है कि आपको अपना प्रीमियम अमाउंट देना होगा जो आपने पहले कॉन्ट्रैक्ट करते समय दिया था।
इसका उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं कि आप किसी शॉप पर सैमसंग कंपनी का मोबाइल खरीदने गए जो कि लेटेस्ट मॉडल का है। अब आपको कहीं से पता चलता है कि सैमसंग कंपनी अगले हफ्ते अपने मोबाइल का प्राइस रेंज करने वाली हैं । अब आपको नहीं पता है कि कंपनी मोबाइल का रेट बढ़ाने वाली है या कम करने वाली है लेकिन आपने एक अनुमान लगाया कि आने वाले समय में रेट बढ़ जाएगा।
जब दुकानदार के पास वही मोबाइल खरीदने के लिए बोलते हैं तो वह कहता है कि इस मॉडल के सारे मोबाइल बिक चुके हैं और आने वाले हफ्ते में आपको सेम मॉडल मिल जाएगा। लेकिन आप मन में सोचने लगते हैं कि अगले हफ्ते तक तो इस मोबाइल का रेट बढ़ जाएगा और मुझे ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
पर आपको दुकानदार कहता है कि मैं आपको उस मॉडल का मोबाइल इसी प्राइस में एक हफ्ते बाद दे दूंगा लेकिन आपको एक बुकिंग अमाउंट मुझे देना पड़ेगा। अब आप उस शॉप वाले से पूछते हैं कि कितना बुकिंग अमाउंट देना है तो वह बताता है कि इस मॉडल की कीमत ₹30000 है और आप चाहे तो अभी सिर्फ ₹2000 देकर अगले हफ्ते के लिए अपनी बुकिंग फिक्स कर सकते हैं और एक हफ्ते बाद आकर बचे हुए ₹28000 देकर मोबाइल ले जाना ।
दुकानदार की बात सुनकर आप खुश हो जाते हैं और दुकानदार को ₹2000 देकर वहां से चले जाते हैं। अब आप 1 हफ्ते के बाद उसी दुकान पर जाते हैं तो आप शॉपकीपर से अपना मोबाइल देने के लिए कहते हैं जैसे ही दुकानदार आपका मोबाइल आता है और आप बाकी बचे हुए रुपए दे देते हैं तो आप सोचते हैं कि उससे पहले मोबाइल के रेट भी पूछ लेते हैं अभी रेट कितना बढ़ गया है।
परंतु आपको पता लगता है कि उस मोबाइल का प्राइस बढ़ने बजाय कम हो चुके हैं जो कि 30000 से घटकर 25000 हो गया है। अब आप को झटका लगता है। जब दुकानदार से 25000 में मोबाइल खरीदने के लिए कहते हैं तो वह कहता है कि मैं आपको 25000 में मोबाइल तो दूंगा लेकिन आप अपने ₹2000 भूल जाइए जो आपने बुकिंग अमाउंट के रूप में दिए थे।
इस समय आपके पास दो ऑप्शन होते हैं या तो आप ₹28000 देकर मोबाइल खरीद ली या फिर 25000 देकर । अब आप मोबाइल ₹25000 में खरीद तो लेते हैं लेकिन आपको यह हमेशा याद रहेगा कि आपके ₹2000 बुकिंग अमाउंट आपको नहीं मिलेगा।
बिल्कुल ऐसा ही Option Trading काम करती है जो कि ₹2000 अपने बुकिंग अमाउंट के रूप में दिया था उसे ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रीमियम बोलते हैं और मोबाइल को Underlying Asset बोलते हैं ।
अगर मोबाइल का प्राइस बढ़कर 30000 से 45000 हो जाता तो आपको ₹15000 का मुनाफा हो जाता क्योंकि उस दुकानदार को आपको उस मोबाइल को 30000 में ही देना पड़ता क्योंकि आपने उसके साथ एक हफ्ते पहले कॉन्ट्रैक्ट किया था जिसका प्रीमियम अमाउंट उसके पास अभी भी है और वही आपके कॉन्ट्रैक्ट का प्रूफ है।
अगर आप Option Trading की बेसिक्स बातों को समझ लेते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए बहुत आसान हो जाएगी।
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ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना पैसा लगता हैं ? ( How much does options trading cost )
Option Trading में शुरुआत करने के लिए आप ₹100 इन्वेस्ट कर सकते हैं और यही ऑप्शन ट्रेडिंग का फायदा है कि आप कम से कम पैसों में अधिक पैसा कमा सकते हैं। अगर आपका प्रेडिक्शन बिल्कुल सही है तो कम पैसों में भी ऑप्शन ट्रेडिंग से काफी ज्यादा पैसा कमा सकते हैं।
लेकिन आप ऑप्शन सेलर के रूप में पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको लाखों रुपए की आवश्यकता होती है क्योंकि उसमें कैपिटल ज्यादा लगता है। जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाने लगते हैं तो आप यह कोशिश हमेशा करें कि प्रॉफिट को लॉस में कन्वर्ट ना करें।
अक्सर ऐसा होता है कि जब लोगों को पहली ट्रेडिंग में प्रॉफिट होता है तो उन्हें लालच आ जाता है और वह फिर अपने प्रॉफिट को भी नुकसान में बदल देते हैं। इसी प्रकार अगर आपको बार-बार नुकसान हो रहा है और आपकी हर ट्रेड पर आपको सिर्फ नुकसान उठाना पड़ रहा है तो उस दिन आप ट्रेडिंग करना बंद कर दें।
अगर आप Option Trading में सफल होना चाहते हैं तो आपको किसी भी एक इंस्ट्रूमेंट पर अपना कंट्रोल में रखना है चाहे वह निफ़्टी हो या बैंक निफ़्टी हो या कोई पर्टिकुलर स्टॉक हो इसे आपको अच्छे से समझ कर इसमें अपना कंट्रोल रखना है।
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ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? ( How to do option trading? )
Option Trading करने के लिए आपको सबसे पहले किसी भी Broker के पास एक डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ेगा। फिर उसमें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट को एक्टिवेट कर के किसी भी स्टॉक या इंडेक्स को चुनकर आसानी से ऑप्शन ट्रेडिंग कर पाएंगे।
Option Trading दो तरह की होती है – Option Buying और Option Selling . Option Buying में कम पैसों की जरूरत पड़ती हैं जबकि ऑप्शन Selling में ज्यादा कैपिटल लगता हैं । परंतु ऐसा नहीं है कि आप Option Buying से पैसे नहीं कमा सकते बल्कि बहुत सारे लोग हैं जो Option Buying करके लाखों करोड़ों भी कमा रहे हैं। इसके लिए बस आपको सही इंफॉर्मेशन और रिसर्च करने की जरूरत है।
आपको निफ़्टी बैंक निफ़्टी या किसी भी स्टॉक पर फोकस बनाकर रखना है जिस पर भी आपका इंटरेस्ट ज्यादा है उसे अच्छे से सीखे समझे फिर उस पर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करके पैसा कमाए।
ऑप्शन ट्रेडिंग की एक्सपायरी डेट ? ( option trading expiry date )
आप किसी भी ऑप्शन को चाहे वह पुट ऑप्शन है या कॉल ऑप्शन हो उसे एक्सपायरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग में हर एक ऑप्शन की एक्सपायरी डेट गुरुवार की होती है। एक्सपायरी दो तरह की होती है एक होती है वीकली एक्सपायरी ( Weekly Expiry ) दूसरी होती है मंथली एक्सपारी ( Monthly Expiry ) ।
Stocks में मंथली एक्सपायरी डेट होती हैं जो महीने के अंतिम सप्ताह में गुरुवार ( Thursday ) के दिन ऑप्शन की एक्सपायरी होती हैं जबकि निफ़्टी और बैंक निफ़्टी में वीकली एक्सपायरी होती हैं ।
जब-जब आपके ऑप्शन की एक्सपायरी डेट नजदीक आती है तब ऑप्शन की प्रीमियम का प्राइस बदलता रहता है। अगर आपने कॉल ऑप्शन में फायदा हुआ है और आपका शेयर या इंडेक्स का प्राइस नहीं बढ़ रहा है बल्कि साइड में चल रहा है तो आप देखेंगे कि आपका ऑप्शन प्रीमियम धीरे-धीरे कम होता चला जाएगा।
अब सवाल यह बनता है कि ऑप्शन प्रीमियम का प्राइस कौन कम करता है और पैसा कहां जाता है तो इसका जवाब है थीटा । थीटा के कारण ही आपका ऑप्शन प्रीमियम कम होता है। ऑप्शन प्रीमियम में जो वैल्यू कम होती जाती है उसका पैसा ऑप्शन Seller के पास जाता है।
Option Trading में एक व्यक्ति को अगर नुकसान हो तो उसके जेब का पैसा दूसरे व्यक्ति के पास चला जाता है। मतलब अगर आपका नुकसान होता है तो किसी दूसरे का उतना ही फायदा होता है और अगर आपको फायदा होता है तो किसी दूसरे -तीसरे का नुकसान होता है।
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ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें ( How to learn options trading )
Option Trading सीखने के लिए सबसे पहले आपको सिलेक्ट करना होगा कोई भी एक इंस्ट्रूमेंट जिसमें आप ट्रेड कर सके जैसे कि निफ़्टी ,बैंक निफ़्टी या स्टॉक ऑप्शन। ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको ऑप्शन चेंज डाटा ,मार्केट रिसर्च ,स्ट्राइक प्राइस ,पुट कॉल रेशों, ट्रेंड एनालिसिस आदि को समझना पड़ता है। इसके अलावा अलग-अलग ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी सीख कर नुकसान से बच सकते हैं ।
सबसे पहले आपको स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स पर फोकस करना चाहिए। Option Trading में जितनी भी चीजें होती हैं उनको एक एक करके सीखना स्टार्ट कर दें। जैसे जैसे आप सीखते जाएंगे आपको ट्रेडिंग करना आसान लगेगा ।
Option Trading से संबंधित यूट्यूब पर आप वीडियोस भी देख सकते हैं और उससे सीख सकते है। यूट्यूब पर बहुत सारे ऐसे सक्सेसफुल ट्रेडर्स हैं बजो शेयर मार्केट में सक्सेस होने के बाद वीडियो के माध्यम से लोगों को सिखाते हैं तो आप उनकी वीडियोस को देखकर सीख सकते हैं।
Option Trading को समझने के लिए आप बुक्स भी पढ़ सकते हैं। बहुत सारे एक्सपर्ट्स है जिनके द्वारा लिखी गई किताबें आप पढ़ेंगे तो आप बहुत सारी चीजें सीखेंगे जिससे आप ट्रेडिंग में जल्दी ही सफल हो जाएंगे । एक्सपर्ट द्वारा लिखी गई बुक से आपको समझ आएगा कि एक ऑप्शन ट्रेडर को कौन-कौन सी बातों की जानकारी होनी चाहिए और ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं।
पेपर ट्रेडिंग की लगातार प्रैक्टिस करके भी आप Option Trading आसानी से सीख सकते हैं। जब भी आप यूट्यूब पर वीडियो देखते हैं उसके बाद उसमें बताई गयी चीजों को आप पेपर ट्रेडिंग के माध्यम से प्रैक्टिस करें। ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरुआत करने के लिए आपको पेपर ट्रेडिंग करना चाहिए मतलब कि जिस भी भाव पर आप शेयर खरीदना चाहे उसे किसी पेपर पर लिख लीजिए।
परंतु कुछ लोगों का मानना है कि पेपर ट्रेडिंग में ट्रेडिंग स्ट्रेटजी अलग तरीके से काम करती है और असली मार्केट में अलग तरीके से काम करती है।
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ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम ( Options trading rules )
ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ नियम है जिनको समझ कर आप Option Trading में सक्सेस हो सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम इस प्रकार हैं –
Option Trading Risk ज्यादा होता है इसलिए आप लापरवाही से ट्रेडिंग ना करें और रिस्क को मैनेज करना सीखे। आपको रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करना होगा मतलब कि जितना जोखिम आप उठा सकते हैं केवल उतने ही पैसों से ऑप्शन ट्रेडिंग करें।
आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय प्रॉफिट से ज्यादा नुकसान पर फोकस करना चाहिए। क्योंकि आप बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमा लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद वापस उसे Loss में बदल देते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं है। इसलिए जितना हो सके ट्राई करें कि आपको जो प्रॉफिट हुआ है उसे नुकसान में ना बदले।
शेयर मार्केट में जो भीOption Trading करते हैं वह लालच के चक्कर में बर्बाद हो जाते हैं। अधिकतर लोग जब ऑप्शन ट्रेडिंग करके प्रॉफिट कमाते हैं तो उसके बाद दोबारा प्रॉफिट कमाने के लिए फिर से ट्रेड करते हैं उसके बाद ट्रेड करते रहते हैं जब तक कि उनका पूरा पैसा खत्म नहीं हो जाता इसलिए वह लालच के चक्कर में आकर बर्बाद हो जाते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे ( Advantages of Option Trading )
Option Trading के फायदे इस प्रकार है-
- किसी भी शेयर को खरीदने के लिए पूरा पैसा नहीं देना पड़ता।
- कम पैसों में अधिक क्वांटिटी ट्रेड कर पाने का अधिकार होता है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें नुकसान कम होता है और फायदा ज्यादा।
- अगर शेयर आप के प्रेडिक्शन के अनुसार मूव करता है तो आप कम कैपिटल से बहुत पैसा कमा सकते हैं।
- जब आप इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आप का फायदा या डबल हो जाता है।
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ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान ( Options Trading Disadvantages )
Option Trading के नुकसान इस प्रकार है-
- ऑप्शन आपके अनुमान के विपरीत परफॉर्म करता है तो आपकी प्रीमियम की वैल्यू लगातार कम होती जाएगी।
- केवल कुछ ही मिनटों में आपका 1 लाख या 10 लाख रुपए पूरा खत्म हो सकता है।
- अगर आप बिना सीखे options में ट्रेडिंग करते हैं तो आपका पैसा zero भी हो सकता है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑपरेटर ही आपका stop loss बार-बार hit करवाते हैं क्योंकि वह नए लोगों की ट्रेडिंग साइकोलॉजी को अच्छी तरह से जानते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए ( How to make money from options trading )
Option Trading से पैसे कमाने के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि मार्केट किस डायरेक्शन में जाएगा। अगर आपको लगता है कि मार्केट ऊपर जाएगा तो Call option Buy करके पैसा कमा सकते हैं। और अगर आपको लगता है कि मार्केट नीचे जाएगा तो आपको Put Option Buy करके प्रॉफिट कमा सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको कॉल और पुट ऑप्शन दोनों के अनुमान के मुताबिक ही प्रभाव करना पड़ेगा।
कॉल ऑप्शन से प्रॉफिट कमाने के लिए Underlying Asset का प्राइस एक्सपायरी डेट से पहले स्ट्राइक प्राइस से अधिक होना चाहिए। इसी प्रकार अगर आप पुट ऑप्शन से प्रॉफिट कमाना चाहते हैं तो Underlying Asset प्राइस एक्सपायरी से पहले स्ट्राइक प्राइस से कम होना चाहिए।
जितना भी आपको प्रॉफिट होगा वह आपके Underlying Asset के price और options के स्ट्राइक प्राइस के अंतर पर निर्भर करता हैं । इसका मतलब है कि जब आप एक्सपायरी वाले दिन अपनी Position को क्लोज करते हैं तो आपका स्ट्राइक प्राइस और Underlying Asset के प्राइस का अंतर ही आपका प्रॉपर्टी या नुकसान होता है।
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FAQ Checklist
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
शुरुआती बिगिनर्स ऑप्शन ट्रेडिंग की बुक्स पढ़कर, यूट्यूब वीडियोस देखकर और blogs पढ़कर ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अधिक से अधिक सीख सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग से कितना पैसा कमाते हैं?
सफल ऑप्शन ट्रेडर दिन का लाखों करोड़ों रुपए भी कमाते हैं लेकिन उसके पीछे उनकी सालों की मेहनत और प्रैक्टिस होती है।
ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए ?
Option Trading से पैसे कमाने के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि मार्केट किस डायरेक्शन में जाएगा। अगर आपको लगता है कि मार्केट ऊपर जाएगा तो Call option Buy करके पैसा कमा सकते हैं। और अगर आपको लगता है कि मार्केट नीचे जाएगा तो आपको Put Option Buy करके प्रॉफिट कमा सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान क्या है ?
Option Trading के नुकसान इस प्रकार है- ऑप्शन आपके अनुमान के विपरीत परफॉर्म करता है तो आपकी प्रीमियम की वैल्यू लगातार कम होती जाएगी।
केवल कुछ ही मिनटों में आपका 1 लाख या 10 लाख रुपए पूरा खत्म हो सकता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे क्या है ?
1 .किसी भी शेयर को खरीदने के लिए पूरा पैसा नहीं देना पड़ता।
2 .कम पैसों में अधिक क्वांटिटी ट्रेड कर पाने का अधिकार होता है।
3 .ऑप्शन ट्रेडिंग करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें नुकसान कम होता है और फायदा ज्यादा।
ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ नियम बताएं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ नियम है जिनको समझ कर आप Option Trading में सक्सेस हो सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम इस प्रकार हैं –
1 . आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय प्रॉफिट से ज्यादा नुकसान पर फोकस करना चाहिए।
2 . Option Trading Risk ज्यादा होता है इसलिए आप लापरवाही से ट्रेडिंग ना करें और रिस्क को मैनेज करना सीखे।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें ?
Option Trading सीखने के लिए सबसे पहले आपको सिलेक्ट करना होगा कोई भी एक इंस्ट्रूमेंट जिसमें आप ट्रेड कर सके जैसे कि निफ़्टी ,बैंक निफ़्टी या स्टॉक ऑप्शन। ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको ऑप्शन चेंज डाटा ,मार्केट रिसर्च ,स्ट्राइक प्राइस ,पुट कॉल रेशों, ट्रेंड एनालिसिस आदि को समझना पड़ता है। इसके अलावा अलग-अलग ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी सीख कर नुकसान से बच सकते हैं ।
ऑप्शन ट्रेडिंग की एक्सपायरी डेट कब होती है ?
आप किसी भी ऑप्शन को चाहे वह पुट ऑप्शन है या कॉल ऑप्शन हो उसे एक्सपायरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग में हर एक ऑप्शन की एक्सपायरी डेट गुरुवार की होती है। एक्सपायरी दो तरह की होती है एक होती है वीकली एक्सपायरी ( Weekly Expiry ) दूसरी होती है मंथली एक्सपारी ( Monthly Expiry ) ।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
Option Trading करने के लिए आपको सबसे पहले किसी भी Broker के पास एक डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ेगा। फिर उसमें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट को एक्टिवेट कर के किसी भी स्टॉक या इंडेक्स को चुनकर आसानी से ऑप्शन ट्रेडिंग कर पाएंगे।
ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना पैसा लगता हैं ?
Option Trading में शुरुआत करने के लिए आप ₹100 इन्वेस्ट कर सकते हैं और यही ऑप्शन ट्रेडिंग का फायदा है कि आप कम से कम पैसों में अधिक पैसा कमा सकते हैं। अगर आपका प्रेडिक्शन बिल्कुल सही है तो कम पैसों में भी ऑप्शन ट्रेडिंग से काफी ज्यादा पैसा कमा सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती हैं ?
Option Trading ऑप्शन Buyer और Sellers के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट जैसा काम करती है जो कि किसी निश्चित एक्सपायरी डेट का होता है। अगर आप कोई ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदते हैं तो यह आपको किसी निश्चित समय पर या उसके अंदर Underlying Asset खरीदने का अधिकार देता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल-पुट क्या है ?
ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल और पुट किसी भी सिक्योरिटी जैसे कि निफ़्टी, बैंक निफ़्टी, स्टॉक्स को खरीदने और बेचने के लिए दो जरूरी ऑप्शंस होते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है ?
Option Trading Kya hain – Option Trading को हिंदी में ‘ विकल्प ‘ कहते हैं । ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जो खरीदार और विक्रेता को कुछ प्रीमियम राशि देकर एक निश्चित समय पर किसी स्ट्राइक प्राइस पर सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने का अधिकार देती है।
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